WPI March: महंगाई के मोर्चे पर नहीं मिल रही राहत, मार्च में थोक महंगाई दर बढ़कर हुई 14.55 फीसदी
WPI March: मार्च में थोक महंगाई दर अपने चार महीने के रिकॉर्ड हाई 14.55 फीसदी पर पहुंच गई. कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतों में इजाफा इसकी मुख्य वजह रही.
(Source: PTI)
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WPI March: थोक महंगाई दर मार्च में चार महीने के अपने उच्च स्तर पर 14.55 फीसदी पर पहुंच गई है. महंगाई दर में वृद्धि का मुख्य कारण कच्चे तेल और कमोडिटी की कीमतों इजाफा रहा. हालांकि मार्च में सब्जियों की कीमतों में कमी देखी गई है.
सोमवार को जारी सरकारी डेटा के मुताबिक, अप्रैल 2021 से शुरू होकर लगातार 12वें महीने WPI मुद्रास्फीति दोहरे अंकों में बनी हुई है. पिछली बार WPI ने नवंबर 2021 में 14.87 का आंकड़ा छुआ था.
मार्च में महंगाई का डेटा
फरवरी, 2022 में WPI आधारित महंगाई दर 13.11 फीसदी थी, जबकि पिछले साल मार्च 2021 में यह 7.89 फीसदी थी.
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मार्च में फूड ऑर्टिकल्स की महंगाई दर 8.19 फीसदी से घटकर 8.06 फीसदी हो गई. सब्जियों की महंगाई दर भी फरवरी के 26.93 के मुकाबलो गिरकर 19.88 फीसदी हो गई.
क्या रही मुख्य वजह
कॉमर्स मिनिस्ट्री ने एक बयान में कहा कि मार्च, 2022 में महंगाई दर के अधिक रहने का कारण मुख्य रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते ग्लोबल सप्लाई चेन में आई व्यवधान को देखते हुए कच्चे पेट्रोलियम और नैचुरल गैस, खनिज तेल, बेसिक मेटल आदि की कीमतों में इजाफा है.
मैन्यूफैक्चर्ड वस्तुओं की महंगाई फरवरी के 9.84 फीसदी के मुकाबले मार्च में 10.71 फीसदी थी, जबकि फ्यूल और पावर बास्केट की महंगाई दर मार्च में 34.52 फीसदी रही.
कच्चे पेट्रोलियम की महंगाई दर मार्च में बढ़कर 83.56 फीसदी हो गई, जो कि फरवरी में 55.17 फीसदी थी.
खुदरा महंगाई का डेटा
पिछले सप्ताह जारी रिटेल इन्फ्लेशन भी मार्च में बढ़कर 6.95 फीसदी हो गई. यह लगातार तीसरा महीना है, कन्ज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) ने RBI की 6 फीसदी की टॉलरेंस लिमिट को पार किया है.
01:44 PM IST